आयुर्वेद एक भारतीय चिकित्सा विज्ञान है जिसकी उत्पत्ती तक़रीबन ५००० साल पहले हुई और जिसे दुनिया का सबसे प्राचीन चिकित्सा विज्ञान माना जाता है। आयुर्वेद ने हमेशा व्याधि के इलाज से ज्यादा उसे टालने के लिए सही आहार तथा जीवनशैली का पालन करने पर ध्यान दिया है। ऋतुओ के बदलने से हमारे आसपास के वातावरण […]
source https://hindiswaraj.com/rituyon-ke-anusar-ayurveda-in-hindi/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=rituyon-ke-anusar-ayurveda-in-hindi from https://hindiswarajcom.blogspot.com/2020/09/blog-post.html
0 Comments
महाराजा चन्द्रगुप्त का दरबार लगा हुआ था। सभी सभासद अपनी अपनी जगह पर विराजमान थे। महामन्त्री चाणक्य दरबार की कार्यवाही कर रहे थे। महाराजा चन्द्र्गुप्त को खिलौनों का बहुत शौक था। उन्हें हर रोज़ एक नया खिलौना चाहिए था। आज भी महाराजा के पूछने पर कि क्या नया है; पता चला कि एक सौदागर आया […]
source https://hindiswaraj.com/teen-putle-hindi-thriller-short-story/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=teen-putle-hindi-thriller-short-story from https://hindiswarajcom.blogspot.com/2020/09/hindi-thriller-story.html
एक बार की बात है। एक जंगल में किसी पेड़ पर कौवे का एक जोड़ा रहा करता था। वो दोनों खुशी-खुशी उस पेड़ पर जीवन बसर कर रहे थे। एक दिन उनकी इस खुशी को एक सांप की नजर लग गई। जिस पेड़ पर कौवों का घोंसला था, उसी पेड़ के नीचे बने बिल में […]
source https://hindiswaraj.com/crow-and-cobra-hindi-moral-story/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=crow-and-cobra-hindi-moral-story from https://hindiswarajcom.blogspot.com/2020/09/hindi-moral-story.html
कंप्यूटर सिस्टम में तीन घटक (Components of Computer) होते हैं जैसा कि नीचे दी गई चित्र में दिखाया गया है- इनपुट यूनिट (Input divice) सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central processing Unit) और स्टोरेज यूनिट (Storage Unit) आउटपुट यूनिट (Output Unit) इनपुट डिवाइस प्रोसेसर को डेटा इनपुट प्रदान करते हैं, जो डेटा को संसाधित करते हैं और […]
source https://hindiswaraj.com/components-of-computer-in-hindi/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=components-of-computer-in-hindi from https://hindiswarajcom.blogspot.com/2020/09/components-of-computer.html
‘असतो मा सद्गमय तमसो मा ज्योर्तिगमय’ पवमान मंत्र के नाम से प्रसिद्ध यह भारतीय उपनिषद का ध्येय वाक्य है । इस मंत्र में असत्य से सत्य की ओर और अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने की कामना ईश्वर से की गई है । पूरी भारतीय संस्कृति में सत्य को ही ईश्वर माना जाता है […]
source https://hindiswaraj.com/diwali-kyu-manate-he-in-hindi/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=diwali-kyu-manate-he-in-hindi from https://hindiswarajcom.blogspot.com/2020/09/why-is-diwali-celebrated.html
मनुष्य जीवन का लक्ष्य ही है धन अर्जित करना । धन के बिना जीना बहुत कठिन हो जाता है । धन के लिये ही हम जीवन भर कुछ न कुछ प्रयास करते रहते हैं । लेकिन धन क्या है ? इसको व्यापक अर्थ में लेने चाहिये ।धन के दो अर्थ होते हैं एक धन-धान्य और […]
source https://hindiswaraj.com/dhanteras-kyun-manya-jata-hai-in-hindi/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=dhanteras-kyun-manya-jata-hai-in-hindi from https://hindiswarajcom.blogspot.com/2020/09/why-is-dhanteras-celebrated_10.html
One of the top reasons people begin practicing yoga is for better health. The other main reason for taking up yoga is to reduce stress. These two main benefits of yoga are linked and are the main factors on how yoga is a powerful therapy for healing the physical body. Yoga is used as a therapy for cancer, infertility, lung disease, multiple sclerosis, Parkinson's disease, insomnia, high blood pressure, and joint ...
Continue reading "How Yoga Heals" on https://www.yogabasics.com/ from https://www.yogabasics.com/learn/how-yoga-heals/
Table Of Contents
hide
source https://hindiswaraj.com/%e0%a4%a7%e0%a4%a8-%e0%a4%a4%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%b8-%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b5-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%ae%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%9c/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25a7%25e0%25a4%25a8-%25e0%25a4%25a4%25e0%25a5%2587%25e0%25a4%25b0%25e0%25a4%25b8-%25e0%25a4%25aa%25e0%25a4%25b0%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25b5-%25e0%25a4%2595%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25af%25e0%25a5%258b%25e0%25a4%2582-%25e0%25a4%25ae%25e0%25a4%25a8%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25af%25e0%25a4%25be-%25e0%25a4%259c from https://hindiswarajcom.blogspot.com/2020/09/why-is-dhanteras-celebrated.html
Table Of Contents
hide
26 मई 2014 – यह दिन भारतीय राजनीति के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण था। देश में पहली बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के रूप में एक गैर कांग्रेसी सरकार ने भारी जनादेश के साथ सत्ता के गलियारों में दस्तक दी थी। इस एतिहासिक जीत की चकाचौंध के केंद्र में सिर्फ एक ही चेहरा था, जिसके नाम का शोर देश की हर गलियों में गूँज रहा था और वो नाम था – नरेंद्र दामोदर दास मोदी। गुजरात के एक चायवाले के रूप में शुरू हुआ ये सफर पहले राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ता फिर गुजरात के मुख्यमंत्री से होता हुआ भारत के प्रधानमंत्री (Prime Minister of India) तक जा पहुँचा। जिसके बाद सादगी से सम्पूर्ण मोदी का व्यक्तित्व न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी आकर्षण का केंद्र बन गया और देखते ही देखते मोदी की छवि “ब्रांड मोदी” में तब्दील हो गई।
शुरुआती जीवन – Initial Life of PM Narendra Modiनरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 (narendra modi birthday) को गुजरात के बड़नगर में हुआ था। यह वही दौर था, जब आजाद भारत का जन्म हुए महज तीन साल हुए थे और देश का संविधान लागू हुए कुछ महीने बाते थे। मोदी की माता हीराबेन मोदी (narendra modi mother) और पिता दामोदर मोदी (narendra modi father) की छह संतानों में मोदी तीसरी संतान थे। बहुत छोटी उम्र में ही मोदी की शादी जसोदाबेन मोदी (narendra modi wife) छोटी उम्र में अमूमन बच्चों को जिंदगी किसी परियों की कहानी जैसी लगती है। लेकिन मोदी के साथ ऐसा बिल्कुल नहीं था, जिसका कारण था उनके परिवार की माली हालत। पिता स्टेशन पर चाय का स्टॉल लगाते थे, जिसमें मोदी भी उनकी मदद किया करते थे। परिवार के रहने के लिए एक छोटा सा घर था। जिदंगी के इन हालातों का ही नतीजा था कि मोदी ने उम्र से पहले ही जिम्मेदारियों का दामन थाम लिया। आर्थिक तंगी से जूझते किसी प्रतिभावान बच्चे की ही तरह मोदी को भी पढ़ने-लिखने का बचपन से ही खूब शौक था। वो अपनी कक्षा में अव्वल आते थे, घण्टों तक स्कूल की लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ते रहते थे। यही नहीं पढ़ाई के साथ-साथ स्कूल के दूसरे कार्यक्रमों में भी वो बढ़-चढ़ कर शिरकत करते थे। तैराकी करना उन्हें बचपन से ही बहुत पंसद था। साथ ही राजनीतिक मुद्दों में उनकी बढ़ती रुचि ने भविष्य बुनना शुरु कर दिया था। हालांकि 9 साल की उम्र से ही मोदी की ख्वाहिश आर्मी ऑफिसर बनने की थी। उनके अनुसार देश की सेवा करने का यह सबसे अच्छा विकल्प था। कोशिशों की इसी कवायद के बीच मोदी का दाखिला सैनिक स्कूल में हो गया। लेकिन एक बार फिर गरीबी आड़े आ गई और फीस जमा न हो पाने के कारण आर्मी में जाने का सपना अधूरा रह गया। मगर भाग्य को तो कुछ और ही मंजूर था, क्योंकि मोदी को सिर्फ आर्मी की ही नहीं बल्कि देश की बागडोर संभालनी थी। RSS कार्यकर्ता के रूप में Narendra Modiसपनों को हासिल करने की जद्दोजहद के बीच 17 साल के नरेंद्र मोदी ने अपनी जिंदगी का सबसे अहम निर्णय लिया। उन्होंने घर छोड़कर भारत भ्रमण करने का फैसला किया। इस दौरान उन्हें हिमालय की गोद से लेकर पश्चिम बंगाल के रामकृष्ण आश्रम तक देश की अनेक विविधताओं से रूबरू होने का मौका मिला। इसके बाद मोदी पूर्वी भारत भी गए। भारत को जानने की जिज्ञासा ने उनके देशप्रेम को और भी प्रगाढ़ कर दिया। हालांकि अपने इस सफर में अगर मोदी किसी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए तो वो थे स्वामी विवेकानन्द। दो साल बाद मोदी वापस अपने घर पहुँचे, लेकिन इस बार उनके साथ सिर्फ उनके सपने नहीं थे बल्कि उन सपनों को पूरा करने का फॉर्मूला भी उन्होंने ढूंढ़ निकाला था। महज दो हफ्ते घर पर रहने के बाद मोदी अहमदाबाद में लिए रवाना हो गए। यहाँ उन्हें RSS का साथ मिला, जिसके बाद संघ कार्यकर्ता के रूप में मोदी के अंदर एक राजनीतिक व्यक्तित्व ने आकार लेना शुरु कर दिया था। हालांकि RSS के साथ मोदी का सामना नया नहीं था। इससे पहले भी आठ साल की उम्र में RSS के सम्मेलन के दौरान मोदी जी ने वहाँ चाय का स्टॉल लगाया था। बेशक तब उनका राजनीति से कोई सरोकार नहीं था लेकिन उस सम्मेलन में लक्ष्मण राव इनामदार (वकील साहब) के भाषण से वो जमकर प्रभावित हुए थे। कई सालों बाद RSS के कार्यकर्ता के रूप में मोदी ने वकील साहब के ही सानिध्य में राजनीति के कई गुण सीखे। 20 साल की उम्र में सन् 1972 में मोदी RSS के प्रचारक बन गए। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1973 और 1974 में अपने गृह राज्य गुजरात का भ्रमण किया, जिस दौरान उनकी मुलाकात संघ के बड़े-बड़े नेताओं से भी हुई। 70 का दशक भारतीय राजनीति में काफी उठा-पटक का दौर था। इसकी शुरुआत हुई भारत-पाकिस्तान युद्ध (1971) से। अपनी युवावस्था में RSS की कमान संभाले मोदी भी इस दशक के गवाह बन रहे थे। इस दौरान उन्होंने जयप्रकाश नारायण के सानिध्य में हो रहे “नव निर्माण अभियान” में भाग लिया तो दूसरी तरफ देश में आपातकाल का दंश झेल रही विपक्षी पार्टियों के साथ खड़े रहे। BJP का अभ्युदयसन् 1980 में जनता पार्टी की गठबंधन सरकार गिरने के बाद भारतीय जनता पार्टी अस्तित्व में आई। बीजेपी के गठन के बाद मोदी को दिल्ली में बीजेपी की कमान संभालने का फरमान मिला। बेशक अपने गृह राज्य से दूर देश की राजधानी में पार्टी का दारोमदार संभालना मोदी के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी थी। आम आदमी से मुख्यमंत्री तक का Narendra Modi का सफरयह सिलसिला काफी सालों तक चलता रहा। 90 के दशक में बीजेपी नेता केशुभाई पटेल गुजरात के मुख्यमंत्री बने। वहीं दूसरी तरफ केंद्र में भी बीजेपी की ही सरकार थी और अटल बिहारी बाजपेयी प्रधानमंत्री थे। महज कुछ ही सालों बाद किन्हीं कारणों से गुजरात में बीजेपी की सरकार डगमगाने लगी। जाहिर है गुजरात को मोदी की जरूरत थी। मोदी जी बताते हैं – “मैं दिल्ली में था। तभी मुझे अटल जी का फोन आया कि शाम को मुझसे आकर मिलो। जब मैं उनसे मिलने पहुँचा तो उन्होंने मुझे गुजरात वापस जाने का आदेश दिया। जाहिर है जिस गुजरात में मैंने राजनीति के गुण सीखे, इतने सालों तक उस गुजरात से दूर रहने के कारण वहाँ की राजनीति मुझे नयी सी लग रही थी”। बैहरहाल, गुजरात पहुँचने के बाद साल 2001 में नरेंद्र मोदी सर्वसम्मति से गुजरात के मुख्यमंत्री बने। उस दौरान शायद मोदी को भी यह आभास न रहा होगा कि यहीं से उनकी तकदीर एक नया रूख लेने वाली है। बतौर मुख्यमंत्री गुजरात की धरती पर मोदी की लोकप्रियता इस कदर परवान चढ़ी की वो साल 2001 से 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री बने रहे, जिसके साथ ही मोदी गुजरात में सबसे लबें समय मुख्यमंत्री रहने वाली राजनीतिक शख्सियत बन गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी – शून्य से शिखर तकअबकी बार, मोदी सरकार सबका साथ, सबका विकास हर हर मोदी, घर घर मोदी अच्छे दिन आने वाले हैं… साल 2014 के आम चुनावों में मोदी के नाम का खुमार कुछ इस कदर परवान चढ़ा की देश की हर गली, मोहल्ले, नुक्कड़ ही नहीं बच्चों-बच्चों तक की जुबान पर यही नारे थे। सत्ता के गिलयारों में भी सिर्फ मोदी के नाम की सुगबुगाहट थी। लोकसभा चुनावों का चमकता चेहरा बन चुके मोदी ने पहली बार गुजरात से बाहर निकल कर काशी का दामन थामा और वाराणसी को अपनी संसदीय सीट चुना। गुजरात के विकास मॉडल को लेकर प्रधानमंत्री की रेस में उतरे मोदी ने एक तरफ कांग्रेस के 70 सालों को कठघरे में खड़ा कर किया, तो दूसरी तरफ न्यू इंडिया का एजेंडा देश के सामने रख दिया। नतीजतन इन आम चुनावों में बीजोपी ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की और नरेंद्र मोदी ने देश के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। वर्तामान में बतौर प्रधानमंत्री मोदी जी तनख्वाह (narendra modi net worth) 2.5 करोड़ है। लिहाजा सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने देश का कायाकल्प करना शुरु कर दिया। इस कड़ी में पहला कदम था – स्वच्छ भारत अभियान, जिसकी शुरूआत 2 अक्टूबर 2014 को की गई। इस कार्यकाल के दौरान बतौर पीएम उन्होंने कई चौंकाने वाले फैसले भी लिए। इन फैसलों ने कभी दुनिया को चकित कर दिया तो कभी इनसे देशवासियों को निराशा भी हाथ लगी। नोटबंदी, GST, सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक इन्हीं फौसलों में से एक हैं। तमाम उतार-चढ़ावों के बावजूद जनता पीएम मोदी के हर फैसले में उनके साथ खड़ी रही। जिसका परिणाम 2019 के आम चुनावों में देखने को मिला जब मोदी सरकार पिछली बार से भी अधिक जनादेश के साथ सत्ता में फिर से काबिज हुई। सादगी और सौम्यता से परिपूर्ण मोदी के व्यक्तित्व ने उन्हें देश-विदेश में लोकप्रिय नेता बना दिया। जिसका उदाहरण मशहूर पत्रिका फोब्स की सूची में देखने को मिलता है, जिसने पीएम मोदी का नाम दुनिया के सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किया। तकनीकि के साथ तालमेल20 के इस दशक में दुनिया तेजी से तकनीकि की तरफ बढ़ रही है। ऐसे में पीएम मोदी ने भी नए भारत की तरक्की में तकनीकि को महत्वपूर्ण बताया। पीएम मोदी ने न सिर्फ भारतीय अर्थव्यवस्था को पारंपरिक ढर्रे से उतार कर देश को “डिजिटल इंडिया” की सौगात दी बल्कि खुद भी तकनीकि के साथ तालमेल बिठाया। यही कारण है वर्तमान में पीएम मोदी सोशल मीडिया खासकर ट्वीटर @narendramodi (narendra modi twitter) पर सबसे ज्यादा एक्टिव रहने वाले नेताओं में से एक हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के ढेरों फॉलोवर हैं, जिससे उनकी प्रसिद्धि का अंदाजा लगाया जा सकता है। सूर्खियाँ बटोरता मोदी कुर्तालोकप्रियता के शिखर को छूने के बाद पीएम मोदी की शख्सियत “ब्रांड मोदी” में तब्दील हो गई। जिसका सबसे बड़ा कारण था उनका सादगी भरा अंदाज। इस फेहरिस्त में एक नाम मोदी कुर्ता का भी है, जो उनकी सादगी में चार चाँद लगा देता है। दरअसल अपने एक साक्षात्कार में पीएम ने मोदी कुर्ते पर बात करते हुए बताया था कि, “गुजरात में बतौर RSS कार्यकर्ता उन्हें काफी भागदौड़ करनी पड़ती थी, जिसके कारण उन्हें कुर्ता सबसे आरामदायक परिधान लगता था। हालांकि अपने कपड़े खुद धोने की वजह से उन्होंने कुर्ते की पूरी बाजुओं को काट हाफ कुर्ता बना लिया और यहीं से मोदी कुर्ता हमेशा के लिए पीएम मोदी की पहचान बन गया। फिल्मों के शौकीन प्रधानमंत्री मोदीपीएम मोदी ने भले ही शून्य से शिखर तक का सफर तय कर सत्ता की ऊचाइयों को छू लिया हो, लेकिन उनके शौक आज भी जमीन के बेहद करीब हैं। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं पीएम मोदी का पसंदीदा खाना…। कई लोगों को यह जान कर आश्चर्य होगा पीएम मोदी को खिचड़ी खाना बेहद पंसद हैं और यही उनका सबसे पसंदीदा खाना है। इसके अलावा पीएम मोदी को बचपन में फिल्मों और गानों का भी खूब शौक था। दरअसल अपने साक्षात्कार के दौरान मोदी बताते हैं कि, “वैसे तो बचपन में उन्हें फिल्में देखने का बहुत शौक था लेकिन राजनीति की मुख्य धारा में आने के बाद उन्हें फिल्म देखने का मौका नहीं मिला”। हालांकि पीएम मोदी बताते हैं कि उनकी पसंदीदा फिल्म ‘गाइड’ है, जो कि आर.के. नारायण के उपन्यास पर आधारित है। वहीं उनका पसंदीदा गाना साल 1961 में आई फिल्म ‘जय चित्तौड़’ का गाना है, जिसे मशहूर गायिका लता मंगेशकर ने अपनी आवाज दी है। – “हो पवन वेग से उड़ने वाले घोड़े….तेरे कंधों पे आज भार है मेवाड़ का, करना पड़ेगा तुझे सामना पहाड़ का….हल्दीघाटी नहीं है काम कोई खिलवाड़ का, देना जवाब वहाँ शेरों के दहाड़ का……” कवि के रूप में पीएम मोदीप्रधानमंत्री मोदी न सिर्फ सहित्य पढ़ने के शौकीन हैं, बल्कि वे खुद भी एक साहित्यकार और कवि हैं। उनकी कई कविताएं और रचनाएं गुजराती भाषा में भी छपी हैं। जिनका हिंदी भाषा में भी अनुवाद किया गया है। वो जो सामने मुश्किलों का अंबार है उसी से तो मेरे हौसलों की मीनार है चुनौतियों को देखकर, घबराना कैसा इन्हीं में तो छिपी संभावना अपार है विकास के यज्ञ में जन-जन के परिश्रम की आहुति यही तो मां भारती का अनुपम श्रंगार है गरीब-अमीर बनें नए हिंद की भुजाएं बदलते भारत की, यही तो पुकार है। देश पहले भी चला, और आगे भी बढ़ा अब न्यू इंडिया दौड़ने को तैयार है, दौड़ना ही तो न्यू इंडिया का सरोकार है। – नरेंद्र मोदी ReferenceWikipedia: Narednra Modi Official Website: Narendra Modi source https://hindiswaraj.com/narendra-modi-ki-jeevani-in-hindi/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=narendra-modi-ki-jeevani-in-hindi from https://hindiswarajcom.blogspot.com/2020/09/narendra-modi-prime-minister-of-india.html |
ABOUT MEHi, I am Vandana Bharti from Bihar. I am working as a finance officer at a local bank, Mostly spend my free time reading yoga blogs online. Archives
April 2023
Categories |